झाड़ियों में समाहित जोगियानी का आंगनबाड़ी केंद्र का भवन, एक दशक से हुआ है निर्माण
यहां करीब एक दशक पूर्व 17 लाख रुपये की लागत से आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण कराया गया, लेकिन इस भवन में आज तक आंगनबाड़ी का संचालन शुरू ही नहीं हो सका। आलम यह है कि पूरा भवन जंगली झाड़ियों से घिर चुका है और धीरे-धीरे खंडहर में बदल रहा है। गांव के रहवासी बताते हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र का निर्माण गांव से करीब 2 किलोमीटर दूर एक पहाड़ी क्षेत्र में किया गया था। ग्रामीणों ने तब ही इस फैसले का विरोध किया था, क्योंकि इतनी दूर छोटे बच्चों के पहुंचना मुश्किल था। फिर भी अधिकारियों ने ग्रामीणों की बात नजरअंदाज कर निर्माण कार्य पूरा करा दिया। नतीजा आज सामने है कि भवन तक पहुंचने का रास्ता भी नहीं है और कोई बच्चा वहां कभी पहुंचा ही नहीं। स्थानियों का कहना है कि गांव में पहले से ही एक आंगनबाड़ी केंद्र किराए के भवन में संचालित हो रहा है, जबकि सरकारी धन खर्च कर जो पक्का भवन बनाया गया, वह जंगली वनस्पतियों और टूटती दीवारों के बीच बर्बाद होता जा रहा है। ग्रामीण इसे साफ तौर पर अधिकारियों की मिलीभगत और फर्जी खर्च दिखाकर धन हड़पने का तरीका बताते हैं। इधर इस पूरे मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी जितेंद्र गुप्ता से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह मामला उनकी जानकारी में नहीं था। उन्होंने आश्वासन दिया कि विभाग इस पर जांच कराएगा और यह पता लगाया जाएगा कि जब भवन बनाया गया तो उसका संचालन क्यों नहीं शुरू किया गया।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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