छोटे से गांव के 18 वर्षीय इंद्रेश ने बनाया ‘मेड इन इंडिया’ AI चैटबॉट

आज जहाँ दुनियाभर में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) की चर्चा हो रही है, वहीं अशोकनगर जिले के ग्राम प्यासी के 18 वर्षीय युवा इंद्रेश दांगी ने अपने स्तर पर एक भारतीय AI आधारित चैटबॉट सिस्टम तैयार कर सबको चौंका दिया है। इस चैटबॉट का नाम उन्होंने "Indresh 2.0" रखा है।

14 वर्ष की उम्र में शुरू किया सफर

इंद्रेश ने मात्र 14 वर्ष की आयु में वर्ष 2021 में अपना MSME-registered डिजिटल स्टार्टअप “IND Services” शुरू किया था।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान से प्रभावित होकर उन्होंने डिजिटल सेवाएँ, ऑनलाइन कार्य समाधान और जागरूकता के क्षेत्र में काम शुरू किया जो आज तक जारी है।

स्थानीय शिक्षा, राष्ट्रीय दृष्टि

इंद्रेश ने अपनी प्रारंभिक और माध्यमिक शिक्षा बंगला चौराहा स्थित स्थानीय विद्यालय से ही पूरी की है।

उन्होंने इस AI प्रोजेक्ट पर मई 2025 से निरंतर कार्य किया और अब इसका पहला उपयोग योग्य संस्करण तैयार कर दिया है।

कैसे काम करता है यह सिस्टम?

“Indresh 2.0” एक सामान्य खोज (search) प्रणाली नहीं है, बल्कि यह:

  • आवेदन, भाषण, पैराग्राफ, रिपोर्ट आदि स्वयं बना सकता है
  • छात्रों की पढ़ाई में मदद कर सकता है
  • किसानों को फसल, रोग और कृषि से जुड़ी जानकारी सरल भाषा में दे सकता है
  • सरकारी योजनाओं की जानकारी सीधे उपयोगकर्ता तक पहुँचा सकता है

इसमें तीन अलग-अलग मोड उपलब्ध हैं, ताकि उपयोगकर्ता अपनी आवश्यकता अनुसार उपयोग कर सके।

तकनीकी आधार

उच्च स्तर के कॉम्प्यूटिंग हार्डवेयर और महंगे इंफ्रास्ट्रक्चर की अनुपलब्धता के कारण फिलहाल यह सिस्टम क्लाउड कंप्यूटिंग मॉडल पर आधारित है, जिससे यह सीमित संसाधनों में भी प्रभावी तरीके से काम कर सकता है।

इंद्रेश का दावा है कि इसमें 2.5 प्रो मॉडल लगा होने के कारण यह मॉडल प्रतिक्रिया गति में गूगल के लोकप्रिय 1.5 Pro मॉडल की तुलना में लगभग चार गुना तेज परिणाम देता है।

ओपन-सोर्स उपलब्ध

इस प्रोजेक्ट को इंद्रेश ने ओपन-सोर्स रखा है।

कोई भी विद्यार्थी, डेवलपर या तकनीकी सीखने वाला व्यक्ति इसे उनके GitHub प्रोफ़ाइल से डाउनलोड कर आगे विकसित कर सकता है।

उद्देश्य: गाँव तक आधुनिक तकनीक पहुँचना

इंद्रेश का कहना है,

 “तकनीक तब तक अधूरी है, जब तक वह सिर्फ शहरों तक सीमित रहे। मेरा सपना है कि गाँव का छात्र, किसान और आम नागरिक भी AI का उपयोग कर सके।”

प्रेरणादायक संदेश

इंद्रेश कहते हैं:

मौके हमेशा शहर में नहीं मिलते — कभी-कभी आपको मौका खुद बनाना पड़ता है।

जिले में नवाचार की उम्मीद

एक ग्रामीण क्षेत्र के युवक द्वारा विकसित यह AI चैटबॉट जिले में तकनीकी नवाचार की नई संभावना पैदा करता है। यदि इसे आगे समर्थन और दिशा मिले, तो यह शिक्षा, कृषि और डिजिटल सुविधा क्षेत्रों में एक उपयोगी मॉडल साबित हो सकता है।

संवाददाता :- अवधेश दांगी