मोरवा में एनसीएल कॉलोनी में चोरी करने वाले आरोपी को 2 साल की सजा 


इस साल जून माह में मोरवा स्थित एनसीएल के सूने पड़े आवासों की रेकी कर उसे निशाना बनाने वाले आरोपी को अंततः मोरवा पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया था। इस मामले में न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी विशाल रिछारिया की अदालत ने आरोपी विकाश वाल्मीकी उम्र 20 वर्ष को दोषी मानते हुए 2 वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड की सजा सुनाई है।  

जानकारी अनुसार माह जून में एनसीएल मुख्यालय में पदस्थ ड्राइवर राजू कुमार ने मोरवा थाने में तहरीर दी थी कि वह मोरवा स्थित क्वार्टर क्रमांक 1B-43 में अपने परिवार के साथ रहता है। बीते 17 जून से 23 जून के बीच वे परिवार सहित बनारस गया था। लौटने पर उन्होंने देखा कि घर का ताला टूटा हुआ है और भीतर रखा एलजी टीवी, सैमसंग टैब, प्रेस व मिक्सर सहित करीब 90 हजार रुपये का सामान गायब है। इस दौरान दो अन्य घरों के भी ताले टूटे थे।

इस संबंध में 1 जुलाई को अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कर विवेचना में लिया था। विवेचना में लगे प्रधान आरक्षक संजय सिंह परिहार ने छानबीन के दौरान मुखबिर की सूचना पर आरोपी विकाश वाल्मीकी पिता रवि वाल्मीकी को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर चोरी का संपूर्ण सामान बरामद किया।

अभियोजन की मजबूत पैरवी

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से एडीपीओ द्वारा पुख्ता साक्ष्य एवं गवाह प्रस्तुत किए गए, जिसके आधार पर अदालत ने आरोपी को भारतीय न्याय संहिता की धारा 331(4) एवं 305(ए) के तहत दोषी माना।

अभियोजन पक्ष ने आरोपी की गरीबी और प्रथम अपराध का हवाला देकर नरमी की मांग की, लेकिन न्याय मूर्ति ने न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले स्टेट ऑफ मध्यप्रदेश बनाम बाबूलाल का उल्लेख करते हुए कहा कि “गरीबी अपराध की गंभीरता को कम नहीं कर सकती। कम सजा देना अपराध को बढ़ावा देता है और समाज को इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।” अदालत ने बरामद सामग्री फरियादी को सुपुर्द करने के आदेश भी दिए।

इस मामले में पुलिस की निरीक्षक उमेश प्रताप सिंह की निगरानी में प्रधान आरक्षक संजय सिंह परिहार द्वारा उत्कृष्ट विवेचना देखने को मिली। जिसमें 6 माह के भीतर है आरोपी को सजा दी गई।

संवाददाता :- आशीष सोनी