बरगवां रेलवे फ्लाईओवर का कार्य गुणवत्ता विहीन, 30% नहीं हुआ कार्य, आए दिन लगता है जाम
बरगवां मध्य रेलवे पश्चिम पर रेलवे फ्लाई ओवर 35.07 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा है 24 महीने में पूरा किया जाना था, जिसका कार्य 22 जून 2023 को शुरू हुआ था। आरओबी का निर्माण 27 महिने से अधिक समय गुजर गया जुलाई-2023 में पीआरएल प्रोजेक्ट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर ने साइट पर कार्य शुरू किया और ऐसा माना जा रहा था कि कंपनी 24 महीने में अपने हिस्से का कार्य पूरा कर लेगी।आरओबी निर्माण में तेजी नहीं आने की मुख्य वजह यह है कि पर्याप्त संख्या में वर्कर नहीं है।सब्जी मंडी वाली बाएं तरफ की रोड में आवागमन बंद कर दिया गया है स्थानीय प्रशासन अतिक्रमण हटाने के बाद भी अतिक्रमण में तब्दील है।बरगवां बाजार सहित स्थानीय लोगों को आवाजाही में खतरा मंडरा रहा है, ऊपर में काम चल रहा नीचे में आवाजाही कंपनी सुरक्षा के उपाय नहीं कर रही, ठेकेदार की लापरवाही एवं उदासीनता देखने को मिल रही पीडब्ल्यूडी विभाग के द्वारा मॉनिटरिंग नहीं किया जा रहा इसलिए लापरवाही बरती जा रही स्थानीय प्रशासन एवं जनप्रतिनिधि भी धीमी प्रगति को लेकर निर्माण एजेंसी से सवाल जवाब नहीं कर रहे यदि यही हाल रहा तो नेशनल हाईवे 39 की तरह हाल हो जाएगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल लंबाई 780 है जो 780 में से 60 मीटर रेलवे को बनाया जाना है।बरगवां बैढ़न मार्ग के मझौली बरगवां रेलवे स्टेशन के बीच 132/6-7 में रेलवे क्रॉसिंग 105 में बनने वाले आरओबी कुल लंबाई 780 मीटर है।
रेलवे क्रॉसिंग से प्रतिदिन निकल रहे एक लाख से ऊपर वाहन प्रत्येक दिन लगता है जाम।रेलवे क्रॉसिंग बंद होने से दोनों ओर लंबी लाइन लग जाती है जिनकी संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है वाहनों को बिना सर्विस रोड दिए ही निर्माण कार्य कराया जा रहा जिससे काम करने वाले श्रमिकों ही नहीं सड़क से आने जाने वाले लोगों पर भी खतरा मंडराता रहता है।जहां पर चल रहा कार्य बगल में ठेला सब्जी लगाए रहते हैं,ओवर ब्रिज कार्य देख रहे सुपरवाइजर परेशान हो चुके हैं फोन पर वार्तालाप से जानकारी ली गई काम क्यों बंद है तो उन्होंने कहा कि मैं ठेला और सब्जी लगाने वाले से परेशान हूं कई बार इसकी शिकायत नगर परिषद को दी गई लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा जिस वजह से कम बंद करना पड़ रहा है एवं लेबरों की कमी है। सेफ्टी उपकरण की बात करें तो बिना सेफ्टी उपकरण के ही कार्य कर रहे हैं, जैसे जूता हेलमेट जैकेट, वही देखा जाए तो मनमानी रवैया से ऑटो रिक्शा एवं बसें भी आवागमन कर रही हैं। कभी-कभी तो पुलिस एवं एंबुलेंस वाहन को रुकना पड़ता है ठेला एवं ऑटो रिक्शा का मनोबल इतना बढ़ गया है कि पुलिस एवं एंबुलेंस की वाहनों को देखते भी नहीं हटते।
संवाददाता :- आशीष सोनी

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