डिग्री कॉलेज तिराहा बना जल संकट का केंद्र, टूटी पाइपलाइन महीनों से बेहाल



 नगर निगम की लापरवाही एक बार फिर वार्ड क्रमांक 30 में खुलकर सामने आई है, जहां डिग्री कॉलेज पहुंच मार्ग तिराहे पर बीते कई महीनों से अलग-अलग स्थानों में टूटी घरों की सप्लाई पाइपलाइन मिनी फव्वारे का रूप लिए हुए है। तेज दबाव वाली पेयजल लाइन फट जाने से रोजाना हजारों लीटर अमृत जल सड़क और नालियों में बह रहा है, जबकि दूसरी ओर क्षेत्र के कई घरों में सुबह-शाम जलापूर्ति बाधित हो रही है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि समस्या की शिकायत कई बार निगम से की गई, लेकिन मरम्मत के नाम पर केवल आश्वासन मिला, कार्य शुरू नहीं हुआ। गौरतलब है कि पचखोरा मुख्य सड़क के किनारे पाइपलाइन में रिसाव की समस्या बहुत दिनों से है। शुरुआत में पानी हल्का रिसता था, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में पाइप पूरी तरह फट गई और अब स्थिति यह है कि सड़क पर पानी का बहाव इतना तेज हो गया है कि यह देखने में मिनी फव्वारे जैसा प्रतीत होता है। आसपास के दुकानदारों और कॉलेज जाने वाले छात्र-छात्राओं के लिए यह बहता पानी परेशानी का कारण बन चुका है। कई बार बाइक फिसलने की घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं, वहीं पानी नालियों में बहकर जाम की स्थिति पैदा कर रहा है, जिससे पूरे क्षेत्र में बदबू और गंदगी फैल रही है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस अमृत जल को बचाने के लिए सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है, वही पानी ननि की उदासीनता के कारण नालियों में बेदर्दी से बह रहा है। जल संकट झेल रहे इलाके में इस तरह की भारी बर्बादी ने लोगों में नाराजगी पैदा कर दी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जलापूर्ति बाधित होने के कारण उन्हें कई बार पानी खरीदकर लाना पड़ता है, जबकि सरकारी पाइपलाइन से पानी सड़क पर ही बहकर खत्म हो जा रहा है।

घटिया पाइप-टोंटी से बढ़ी पानी की बर्बादी

वार्ड 30 में सड़क किनारे जल्दबाजी में बिछाई गई पेयजल पाइपलाइन और ठेकेदार द्वारा उपयोग की गई घटिया सामग्री, पानी की लगातार बर्बादी की मुख्य वजह बन गई है। पाइपलाइन कमजोर होने के कारण हल्के दबाव में भी फट रही है, जिससे सप्लाई लाइन जगह-जगह मिनी फव्वारे की तरह पानी उछाल रही है। वहीं खराब क्वालिटी की टोंटियां कुछ ही दिनों में ढीली होकर टूट गईं, जिनसे लगातार पानी नालियों में बह रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि ननि की अनदेखी और ठेकेदार की लापरवाही से निम्न स्तरीय पाइप और फिटिंग सामग्री लगाई गई, जिसके चलते महीनों से जलापूर्ति बाधित है। निगम की निगरानी की कमी ने समस्या को और गहरा कर दिया है।

संवाददाता :-  आशीष सोनी