Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

भक्तिभाव से मनाया आचार्य विराग सागर जी का 61वा अवतरण दिवस

 भक्तिभाव से मनाया आचार्य विराग सागर जी का 61वा अवतरण दिवस

बुंदेलखंड के प्रथम दिगंबर आचार्य नगर गौरव श्री 108 विराग सागर जी का 61वा अवतरण दिवस नगर में बड़े धूमधाम से भक्तों ने मनाया।अतिशय क्षेत्र पारसनाथ दिगम्बर जैन बड़े मंदिर में विराजमान उपाध्याय श्री 108 विश्रुत सागर जी महाराज के ससंघ सानिध्य में प्रातःकाल से आयोजित हुआ जिसमें सभी श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही। रवेंद्र जैन रवि ने बताया अतिशय क्षेत्र श्री पारसनाथ दिगंबर जैन बड़े मंदिर  में प्रातः 7 बजे से अभिषेक, संगीतमय पूजन,शांतिधारा और गुरुपूजन का आयोजन हुआ जिसमें शांतिधारा करने का सौभाग्य भी भक्तों को प्राप्त हुआ ।नगर गौरव गणाचार्य गुरुदेव के अवतरण दिवस के अवसर पर उपाध्याय श्री के मंगल प्रवचन पर दिव्यदेशना में सुनाया आचार्य विराग सागर महाराज का जन्म पथरिया में 2 मई 1963 में हुआ। इनके पिता कपूरचंद और मां श्यामा देवी। इनकी दीक्षा की शुरुआत 2 फरवरी 1980 को शहडोल के बुढ़ार में सन्मति सागर महाराज की छुलल्क दीक्षा से हुई। इसके बाद औरंगाबाद में आचार्य विमल सागर महाराज ने 9 दिसंबर 1986 को इन्हें मुनि दीक्षा दी। इसके बाद छतरपुर के द्रोणागिरी में 8 नवंबर 1992 को उन्हें आचार्य श्री की उपाधि दी गई। उन्होंने कहा कि हमारे समक्ष साक्षात गुरुदेव तो नहीं किन्तु इतना सौभाग्य है कि हमें उनकी वाणी सुनने को मिल रही है। क्योंकि यदि जिनेन्द्र वाणी न होती तो धर्म, मंदिर, मूर्तियां नहीं होतीं और धर्म नहीं होता तो आज हमारा समाज, कुटुंब, परिवार में एकता व संगठन नहीं होता। भगवान के चरणों में जाकर कभी भी घर, परिवार, कुटुंब संबंधित लौकिक सामग्रियों की याचना नहीं करनी चाहिए। भगवान से सदैव भक्ति व धर्म के प्रति आस्था मांगनी चाहिए। कार्यक्रम का संचालन राहुल चौधरी ने और संगीतमय पूजन समीक्षा सराफ ने भक्तिभाव से कराई, नगर में गणाचार्य श्री के अवतरण दिवस अवसर पर  61 दीपको से महा आरती का आयोजन शाम को 8 बजे से शीतलनाथ मंदिर परिसर में होना है।



Post a Comment

0 Comments