सागर नगर निगम कि लापरवाही से स्वच्छता सर्वेक्षण कहीं फ्लॉप साबित ना हो जाए
कुछ दिन पूर्व प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने संभागीय समीक्षा बैठक में निर्देश दिए थे कि, स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत अपने नगरीय निकाय को स्थान दिलाने के लिए लगातार प्रयास करें। उन्होंने कहा था कि इसके लिए नगरीय निकाय के अधिकारी योजनाबद्ध कार्य करें, जिससे कि नगरीय निकाय मध्यप्रदेश में अपना स्थान सुरक्षित कर सके। उन्होंने यह भी कहा था कि स्वच्छता सर्वेक्षण एक बड़ी चुनौती अवश्य है, किंतु असंभव नहीं है। इसके लिए हमें लगातार प्रतिस्पर्धा में बने रहने के लिए हर संभव प्रयास करने होंगे, जिसके लिए खुले में शौच करने वालों एवं सड़कों व खुली जगह पर सामग्री डालने वालों पर कड़ी कार्रवाई कर उन पर पेनल्टी लगाएं। उन्होंने कहा था कि सभी नगरीय निकायों के अधिकारी अपने निकायों में नवाचार करें और देश या मध्यप्रदेश स्तर पर पुरस्कार प्राप्त करने के लिए प्रयास करें, लेकिन उनकी नसीहत शायद नगर निगम के कर्मचारियों को रास नही आईं |सागर सिटी के बाजार में बने युरेनलोँ वॉश रूम में समय पर साफ साफाई नही होती है | हालत लगभग ऐसी हो गई है की यदि कोई यदि इनका उपयोग करता है तो इसमें पड़ी गंदगी से बीमार या संक्रमित हो सकता है | यहाँ पर इतनी गंदगी होती है कि जनता इनका उपयोग नही करती | और इधर उधर दीवालों का उपयोग करते हुये दिखाई देते हैं | अधिकांश वॉशरूम टूटे हुये है | उनमें लगे यूरीनल टूटे हुये हैं | पानी कि लाइन टूटी हुई है |
मोतीनगर चौराहे पर बस स्टॉप पर नव निर्मित बने वॉशरूम में गंदगी का अंबार लगा हुआ है पाइप लाइने युरेनल आदि टूट गये है इस प्रकार अव्यवस्था बनी हुई है | वहीं स्मार्ट सिटी के शौचालय दोपहर के समय बंद होने के कारण लोगों को असुविधा होती है |
इंद्रा नेत्र चिकित्सालय के सामने बाला झूलेलाल मंदिर कि तरफ बना वॉशरूम नीचे से जर्ज़र हो चुका है वहीं खुरई बसस्टेण्ड ब्रिज के जीना के नीचे बना वॉशरूम भी जर्ज़र हों चुका है, परकोटा, तीनव
त्ती, नये बाजार आदि में वॉशरूम के हालत बताने के लायक़ नही है | लेकिन किसी नगर निगम के कर्मचारी या जन प्रतिनिधि का इस और ध्यान नही है |
संवाददाता : हेमंत लड़िया
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