Ticker

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

Responsive Advertisement

अमृत सरोवर निर्माण कार्य मे मजदूरों के बजाए मशीनों से कराया जा रहा काम मजदूरो के रोजगार पर मंडरा रहा संकट,जीवकोपार्जन के लिए शहर की ओर पलायन करने को विवश जिले के जनपद पंचायत मानपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंड़का के ग्राम खोली का मामला

अमृत सरोवर निर्माण कार्य मे मजदूरों के बजाए मशीनों से कराया जा रहा काम

मजदूरो के रोजगार पर मंडरा रहा संकट,जीवकोपार्जन के लिए शहर की ओर पलायन करने को विवश

जिले के जनपद पंचायत मानपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंड़का के ग्राम खोली का मामला

मानपुर जिला-उमरिया-

सरकार गांव और ग्रामीणों के सर्वांगीण विकास के लिए तमाम जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम लाभान्वित करने का प्रयास करते हुए ग्रामीणों को गांव में ही रोजगार मुहैया कराने लाख दावे करें लेकिन स्थितियां कुछ अलग ही बयां कर रही है। आलम यह है की पंचायत के जिम्मेदार नुमाइंदे ही शासन की योजनाओं और प्रयासों पर पानी फेर रहे हैं। 

              ताजा मामला उमरिया जिले के जनपद पंचायत मानपुर के अंतर्गत ग्राम पंचायत डोंड़का का है। जहां ग्राम पंचायत डोंड़का के अंतर्गत ग्राम खोली में अमृत सरोवर निर्माण कार्य के लिए शासन द्वारा करीब 15 लाख से भी अधिक की राशि पंचायत को मुहैया कराकर अमृत सरोवर बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। 


मजदूरों से कार्य कराने की बजाए जेसीबी मशीन और दर्जनों ट्रैक्टर ट्रॉली से कराया जा रहा काम-


बताया जाता है की ग्राम पंचायत डोंड़का के प्रभारी सचिव द्वारा ग्राम खोली में अमृत सरोवर निर्माण कार्य के नाम पर अपनी खुद की जेसीबी मशीन एवं  दर्जनों ट्रैक्टर ट्रालियो के माध्यम से निर्माण कार्य कराया जा रहा है। वहीं मज़दूरो के नाम पर मेट, और चार छुटभइयों सहित कुल 12 लोग ही कार्य मे देखे गए हैं। प्रशासनिक सूत्रों की माने तो सिर्फ कड़ी मिट्टी (पटपर) को खोदने के लिए कम समय के लिए मशीन लगाने की छूट है, लेकिन यहां तो ऐसा है कि शासन ने "चावी क्या मंगाई साहब ने पूरी तिजोरी ही लूट की"। मजदूरों का कार्य मशीनों से कराये जाने के कारण ग्रामीणों को रोजगार नही मिल रहा है, लिहाजा रोजगार और जीवकोपार्जन की तलाश में ग्रामीण मजदूर शहरों की ओर पलायन करने विवश है। 


मशीनों से कार्य कराने के बाद अपने चहेतों के खातों में मजदूरी डालने के आरोप-


जनचर्चा है कि ग्राम पंचायत डोंडका के प्रभारी सचिव द्वारा पंचायत के निर्माण कार्य खुद की मशीनों के माध्यम से कराकर अपने चहेते और अपने खेतों में रखे गए मजदूरों के खाते में मजदूरी डालकर भ्रष्टाचार खुलेआम किया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि प्रभारी सचिव द्वारा जिले के प्रमुख विभागीय पदों पर बैठे और जिले के आकाओं से राजनैतिक रसूख होने के कारण खुलेतौर पर मनमानी जारी है। खुद को जिले के वरिष्ठ अधिकारियों और नेताओं से अच्छे तालमेल का हवाला देकर जमकर भ्रष्टाचार किये जाने के आरोप हैं। जिस कारण जमकर मशीनरी का उपयोग किया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर मजदूर गांव में पर्याप्त रोजगार न मिलने के कारण रोजगार और जीवकोपार्जन के लिए शहर की ओर पलायन करने विवश हैं।


घर बैठे हो रहे मूल्यांकन

वहीं ग्राम पंचायतों में कराये जा रहे निर्माण कार्यों की देखरेख के लिए उपयंत्री को जिम्मेदारिया दी गई हैं लेकिन उपयंत्री घर बैठे ही निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को ठीक बताकर मूल्यांकन कर रहे हैं।


इनका कहना है-


15 वां वित्त से मशीन से लगा सकते हैं, वैसे गांव के सभी ट्रैक्टर वालो को रोजगार दिये हैं,आप कहते है तो देखेंगे,लेकिन काम भी जल्दी करके दिखाना है,वेतन के भरोसे थोड़ी कुछ होता है।

राजेश कुमार पाण्डेय(प्रभारी सचिव-ग्राम पंचायत डोंडका)


ये उनकी व्यवस्था है कि काम कैसे और किससे कराते हैं हमे काम से मतलब है,चाहे वो जैसे करायें।

प्रमोद खरे(उपयंत्री-ग्राम पंचायत डोंडका जनपद मानपुर)


संवाददाता कपिल कुमार बैगा

Post a Comment

0 Comments