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एनटीपीसी विंध्याचल संयंत्र में हरित हाइड्रोजन प्लांट अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा कमीशन के श्रेणी में रखा कदम

 एनटीपीसी विंध्याचल संयंत्र में हरित हाइड्रोजन प्लांट अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा कमीशन के श्रेणी में रखा कदम

एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना के संयंत्र ने बड़ा कदम रखते हुये हरित हाइड्रोजन प्लांट ने अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा कमीशन के श्रेणी में सुमार हो रहा है। एनटीपीसी विंध्याचल परियोजना ने अपने 2 टीपीडी-पीईएम इलेक्ट्रोलाइजर आधारित हाइड्रोजन जेनरेशन प्लांट से पहली हरित हाइड्रोजन का उत्पादन किया।

जानकारी के अनुसार 2070 तक नेट जीरो के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के हिस्से के रूप में और कोयला को हरा बनाने के लिए सीसीयूएस और ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजीज स्थापित करने के लिए एनटीपीसी विंध्याचल ने अगला कदम उठाया। जब उसने 2 टीपीडी-पीईएम आधारित ग्रीन हाइड्रोजन से ग्रीन हाइड्रोजन की पहली धारा उत्पन्न की। एनटीपीसी विंध्याचल संयंत्र में हरित हाइड्रोजन प्लांट अब एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे बड़ा कमीशन आधारित पीईएम आधारित इलेक्ट्रोलाइजर है। हरित हाइड्रोजन प्लांट का संचालन मुख्य महाप्रबंधक प्रचालन एवं अनुरक्षण समीर शर्मा, मुख्य महाप्रबंधक चिकित्सालय बीसी चतुर्वेदी, महाप्रबंधक हरित रसायन एवं बीई सुजय कर्माकर, महाप्रबंधकगण एवं एनटीपीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया।
यह इकाई 10 टीपीडी सीओ 2 से मेथनॉल सीटीएम सिंथेसिस प्लांट का हिस्सा है। जिसमें 20 टीपीडी चलने वाला सीओ 2 कैप्चर प्लांट, हाल ही में चालू 2 टीपीडी एच 2 प्लांट और 10 टीपीडी मेथनॉल सिंथेसिस प्लांट शामिल है। जहां निर्माण के अग्रिम चरण में है। सीटीएम प्रोजेक्ट की कल्पना, डिजाइन, इंजीनियरिंग और आवंटन एनटीपीसी की आर एंड डी विंग नेत्रा द्वारा किया गया है और इसे नेत्रा और टीम विंध्याचल के समन्वय में वीएसटीपीएस ग्रीन केमिकल विभाग द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।
संवाददाता : आशीष सोनी

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