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ताप घात से बचाव के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की एडवाइजरी जारी

 ताप घात से बचाव के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की एडवाइजरी जारी

लू से बचाव के लिए पानी पियें अधिक

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शोभाराम रोशन ने एडवाइजरी जारी करते हुये जिले के निवासियों से गर्मीयों के मौसम में एहतियात बरतने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि तापमान लगातार बढ़ रहा है ऐसे में लू (ताप घात) कारण शारीरिक परेशानी होना अथवा समय पर उपचार न मिलने पर मृत्यु तक हो सकती है।गर्मी की लहर (लू) के दुष्प्रभाव को कैसे कम करें या स्वयं का कैसे बचाव करें।धूप में बाहर निकलने से बचे विशेषकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक। पर्याप्तम मात्रा में पानी पियें या घर में बने पेय पदार्थ - जैसे नींबू पानी, छांछ, मठा, लस्सी,फलों के रसों का सेवन करें। गर्मी में पतले ढीले एवं हल्क रंग के कपड़े पहनें। धूप से बचने के लिए शरीर को ढककर रखे, सिर को ढक कर रखें। छाता,टोपी,गमछा,तौलियां से सिर को ढकें। जब बाहर तापमान अधिक हो, अधिक मेहनत वाले कार्य से बचें। विशेषकर दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक, कठोर श्रम न करें। यदि बाहर जाना आवश्यक हो या यात्रा करना हो, तब यात्रा के समय पर्याप्त, मात्रा में पीने का पानी साथ रखें। शराब, कॉफी, सॉफ्ट ड्रिंक या अधिक शक्कर वाले पेय पदार्थ का सेवन न करें। अधिक प्रोटीन युक्त पदार्थ का सेवन न करें। बासी भोजन और सड़े गले फलों का सेवन न करें। बाहर नंगे पैर न निकले, बच्चों को भी नंगे पैर बाहर न जाने दें। पार्किंग में खड़े वाहन में बच्चों एवं पालतू जानवर को न छोड़े। कमरे को ठंडा रखे एवं हवादार रखे सीधी धूप से बचावे के लिए खिड़की दरवाजों पर पर्दे डालकर रखें। छोटे-बच्चों गर्भवती माताओं एवं 65 वर्ष से अधिक उम्र वालों को धूप में न निकलने दें। जानवरों को छायादार स्थानों पर बांध कर रखें या शैड में रखें साथ ही समय-समय पर पर्याप्त। पानी पिलाते रहें।यदि किसी व्यक्ति को लू या तापघात का प्रभाव हों तब क्या करेंयदि किसी व्यचक्ति को शारीरिक थकान हो चक्कार आना, सिर दर्द होना, आंखों में अंधेरा छाना, जी मिचलाना, उल्टील आना, धड़कन व सांस का तेज चलना महसूस हो तब तत्कौल चिक्तिसक से उपचार लें। व्यक्ति को ठंडे, छायादार व हवादार स्थंल पर लिटा दें। हवा करें गीले कपड़े से शरीर को बार-बार पोंछे। शरीर का तापमान सामान्य होने तक। व्यक्ति को ओआरएस को घोल बनाकर पिलाते रहें अथवा घर में उपलब्ध पेय पदार्थ जैसे नींबू पानी, छांछ, मठा, लस्सीन, फलों के रसों का सेवन करावें। आवश्यक होने पर नजदीकी स्वास्थय केद्रों पर ले जायें।

संवाददाता : मुहम्मद ख्वाजा

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