खुले में फेंक दिया जा रहा है प्राइवेट क्लीनिक के मेडिकल वेस्ट क्या प्रशासन ने इस तरफ नहीं दिया कोई अब तक ध्यान
मेडिकल वेस्टेज को खुली जगहों पर फेंकना कानूनी अपराध है। लेकिन सिंगरौली जिले में इस कानून का खुले आम उल्लंघन हो रहा है। नर्सिंग होम या प्राइवेट क्लीनिक से निकलने वाले कचरे को कभी नदी के किनारे तो कभी खुले जंगल में फेंक दिया जाता है। हर सुबह जब सफाई की जाती है तो निकले कचरों की भरमार रहती है। जिसमें वेस्टेज दवा, निडिल, सीरिंच एवं अन्य तरह का कचरा रहता है। जो सड़क के किनारे ही फेंक दिया जाता है। जो आसपास में बसने वाले लोगों के लिए काफी नुकसानदेह है , साथ ही कई पशुओं के मृत्यु का कारण भी यही बन रहा है ।
अगर ये कचरा किसी स्वस्थ शरीर से छूता है या चुभ जाता है तो मनुष्य एड्स, टेटनस के साथ दूसरी घातक बीमारियों का शिकार हो सकता है।
जाहिर सी बात है, इस भागम-भाग की जिंदगी में बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। इसके साथ ही बीमारों की संख्या बढ़ रही है, अस्पतालों की संख्या बढ़ रही है और उसी हिसाब से उन बीमार व्यक्तियों के इलाज में प्रयुक्त होने वाले सामान की संख्या बढ़ रही है, जिन्हें इस्तेमाल करके कचरे में फेंक दिया जाता है। इस बात को चिकित्सक भी मानते हैं कि बायो-मेडिकल कचरा स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक होता है। इससे न केवल और बीमारियां फैलती हैं बल्कि जल, थल और वायु सभी प्रदूषित होते हैं। ये कचरा भले ही एक अस्पताल के लिए मामूली कचरा हो लेकिन देखा जाए तो यह मौत के सामान से कम नहीं है
संवाददाता : आशीष सोनी
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