धोखाधड़ी करने वाले की नई चाल! फर्जी कोर्ट ऑर्डर ईमेल से लोगों को लगा रहे चूना
डिजिटल दुनिया में स्कैमर्स नए-नए तरीकों से लोगों को चूना लगा रहे हैं. इसी कड़ी में एक नया स्कैम सामने आया है. यहां लोगों को एक फर्जी कोर्ट ऑर्डर का ईमेल भेज ठग लोगों को चूना लगा रहे हैं. दरअसल, इस ईमेल में कहा गया है कि आपके इंटरनेट उपयोग के खिलाफ कोर्ट ऑर्डर जारी किया गया है? आप अकेले नहीं हैं. सरकार ने इसे एक धोखाधड़ी करार दिया है और सभी को सतर्क रहने की सलाह दी है.
सरकार के आधिकारिक PIB Fact Check हैंडल ने X पर एक अलर्ट जारी किया है. इस ईमेल में दावा किया गया है कि यह भारतीय खुफिया ब्यूरो की ओर से है. इसमें उपयोगकर्ताओं पर अनुचित गतिविधियों के लिए इंटरनेट का उपयोग करने का आरोप लगाया गया है और कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई है. लेकिन इस पर विश्वास न करें, यह पूरी तरह से एक फर्जीवाड़ा है.
Email में क्या दावा किया गया है?
इस फर्जी ईमेल में कहा गया है कि आपकी इंटरनेट गतिविधियों को भारतीय खुफिया ब्यूरो द्वारा चिन्हित किया गया है और आपके खिलाफ कोर्ट ऑर्डर जारी किया गया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि आपने इंटरनेट का उपयोग पोर्नोग्राफी देखने के लिए किया है. साथ ही यह भी कहा गया है कि खुफिया ब्यूरो साइबर क्राइम पुलिस यूनिट के साथ मिलकर अत्याधुनिक फॉरेंसिक टूल्स के जरिए ऐसी गतिविधियों पर नजर रखता है. ईमेल के अंत में खुद को "प्रॉसीक्यूटर" प्रशांत गौतम बताने वाला व्यक्ति साइन करता है.
Email को करें नजरअंदाज
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह ईमेल पूरी तरह से नकली है और केवल लोगों को डराने या फंसाने के लिए बनाया गया है. सली कानूनी नोटिस कभी भी इस तरह के अनधिकृत ईमेल के माध्यम से नहीं भेजे जाते. वे हमेशा आधिकारिक प्रक्रिया के तहत आते हैं. अगर आपको अपनी ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर चिंता है, तो सही तरीका है भारत के आधिकारिक साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज करना.
अगर आपको ऐसा ईमेल मिले तो क्या करें?
घबराएं नहीं:
यह केवल आपको डराने और धोखा देने का एक प्रयास है.
लिंक पर क्लिक न करें और कोई जानकारी साझा न करें:
ऐसे फर्जीवाड़े का उद्देश्य आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराना या आपके डिवाइस में मैलवेयर डालना होता है.
रिपोर्ट करें:
इस ईमेल को cybercrime.gov.in, भारत के आधिकारिक साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर भेजें. सतर्क रहें और इस तरह के फर्जीवाड़ों से खुद को बचाएं.
0 Comments