प्रकाश पर्व जनवरी 2025 में कब है, प्रकाश पर्व का मतलब क्या होता है?
प्रकाश पर्व सिख धर्म में मनाया जाता है. सिख धर्म में 10 धर्म गुरु हुए हैं. सिख धर्म में नानक देव जी और गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव के रुप में मनाया जाता है. इस दिन को सिख धर्म में लोग हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं और नगर कीर्तन करते हैं.
साल 2025 में जनवरी में गुरु गोबिंद सिंह का प्रकाश पर्व मनाया जाएगा. साल 2025 में 6 जनवरी, सोमवार को प्रकाश पर्व है. इस दिन सिख धर्म के आखिरी और दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म हुआ था. सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी महज दस साल की उम्र में वह गुरु बन गए थे.
पौष माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती मनाई जाती है. नानकशाी कैलेंडर के अनुसार गुरु गोबिंद सिंह का जन्म पटना, बिहार में 22 दिसंबर 1666 में हुआ था. वह एक कवि, भक्त, और आध्यात्मिक नेता थे. गुरु गोबिंद सिंह जी ने बैसाखी के दिन खालसा पंथ की स्थापना की थी.
क्यों कहते हैं इस दिन को प्रकाश पर्व?
गुरु गोबिंद सिंह जी की जयंती को प्रकाश पर्व इसीलिए कहते हैं क्योंकि प्रकाश पर्व या प्रकाश उत्सव का अर्थ है मन से बुराइयों को दूर करते उसे सत्य, ईमानदारी, और सेवाभाव से प्रकाशित करना. गुरु नानक देव और गुरु गोबिंद सिंह ने समाज में ज्ञान का प्रकाश फैलाया था, इसीलिए इस दिन को इस नाम से जाना जाता है. इस खास दिन पर गुरुद्वारों को सजाया जाता है. नगर कीर्तिन, अरदास, भजन, कीर्तिन, प्रभात फेरी आयोजित होती हैं. साथ ही लंगर का भी आयोजन किया जाता है.
गुरु गोबिंद सिंह शौर्य और साहस का प्रतीक हैं, उन्होंने अंधकार को दूर किया. साथ ही उन्होंने खालसा वाणी दी, यानि वाहेगुरु जी का खालसा, वाहेगुरु जी की फतह. इतना ही नहीं, खालसा पंथ की रक्षा के लिए गुरु गोबिंद सिंह जी ने मुगलों और उनके सहयोगियों से कई बार लड़ाई की. इसी वजह से उनके जन्मोत्सव को प्रकाश पर्व कहा जाता है.
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