ठाट-बाट और ऐशो आराम वाले घर तो रईसों के पुराने शौक रहे हैं, पर दिल्ली-एनसीआऱ का अपर मिडिल क्लास भी अपने घरों में महलों का अहसास पाने में पीछे नहीं रहना चाहता है. इस कारण चार करोड़ से अधिक कीमत वाले लग्जरी होम्स की सेल में 53 फीसदी की उछाल आ गई है. 2024 में ऐसे 10,500 घर दिल्ली-एनसीआर में बिके हैं. जबकि 2023 में इस तरह के घरों की केवल 5,525 यूनिट बिकी थी. यह बताता है कि दिल्ली-एनसीआर में हाई एंड रियल एस्टेट की डिमांड काफी बढ़ी है. यह प्राइम प्रॉपर्टी खरीदने के शौकीन अमीर खरीदारों और एनआरआई के कारण है.
सात बड़े शहरों में ज्यादा बिक रहे लग्जरी होम्स
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म सीबीआरई की डाटा के मुताबिक, साल 2024 में देश भर में 19,700 यूनिट लग्जरी हाउसिंग यूनिट बिके. यह 2023 में 12,895 यूनिट के मुकाबले काफी अधिक था. यह आंकड़ा देश के सात बड़े शहरों का है, जो देश के बड़े कारोबारी केंद्र भी हैं. जिन शहरों में पारंपरिक तौर पर मिड-एंड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ज्यादा चलते रहे हैं, वहां भी अब हाई एंड अपस्केल प्रोजेक्ट की मांग बढ़ती हुई दिख रही है. नोएडा, बेंगलुरु, पुणे और चेन्नई शहरों में खास तौर पर ऐसा दिख रहा है.
होम ऑनरशिप के डिमांड में आया फंडामेंडल शिफ्ट
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, डीएलएफ होम के चीफ बिजनेस ऑफिसर आकाश ओहरी कहते हैं कि लोगों के होमऑनरशिप के अहसास में बदलाव के कारण डिमांड में फंडामेंटल शिफ्ट आया है. घर कहे जाने वाले स्थान का महत्व लोगों के दिमाग में अब ज्यादा बड़ा है. ओहरी कहते हैं कि इस कारण दिल्ली-एनसीआर के लग्जरी हाउसिंग मार्केट में एक प्रभावी बदलाव आया है. प्राइम लोकेशन पर आधुनिक सुविधाओं के साथ भव्य घर की मांग देश के दूसरे रीजन में भी बढ़ी है. इस कारण महानगरों के अलावा लग्जरी हाउसिंग की डिमांड देश के दूसरे शहरों में भी बढ़ रही है.
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