क्या आम दवाओं से कम असर करती है जन औषधि केंद्र की दवाएं? जान लीजिए जवाब
देश में लोगों को सस्ती दवाएं मिल सके, इसके लिए जगह-जगह जन औषधि केंद्र खोले जा रहे हैं. हालांकि, लंबे समय से इन केंद्र पर मिलने वाली दवाईओं को लेकर बहस भी छिड़ी है. इनकी क्वॉलिटी, कॉस्ट और असर दोनों पर खूब चर्चा हो रही है. प्रधानमंत्री जन औषधि स्कीम के तहत खोले जा रहे जन औषधि केंद्र में जेनेरिक दवाएं दी जाती हैं.
ये दवाएं ब्रांडेड दवाईयों की तुलना में 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं. दावा है कि जन औषधि केंद्र पर मिलने वाली दवाएं आम दवाओं के असर को कम कर रही हैं.अगर आपको भी ऐसा ही लगता है तो यहां जान लीजिए सच
जेनेरिक दवाएं उन दवाओं को कहते हैं, जिनका कोई अपना ब्रांड नहीं होता है. वे अपने सॉल्ट नेम से ही बाजार में बेची और पहचानी जाती हैं. जेनेरिक दवा बनाने वाली कुछ कंपनियों ने अपना ब्रांड नाम भी बना लिया है. बावजूद इसके ये दवाएं काफी ज्यादा सस्ती होती हैं. ऐसा इसलिए, क्योंकि ये जेनेरिक दवाओं की कैटेगरी में ही आती हैं. सरकार भी जेनेरिक दवाईयों को प्रमोट कर रही है. प्रधानमंत्री जन औषधी प्रोजेक्ट इसी का हिस्सा है.
क्या जेनेरिक दवाईयों का असर कम होता है
जेनरिक दवाओं का असर ब्रांडेड दवाओं की तरह ही होता है, क्योंकि इन दवाओं में वही सॉल्ट रहता है, जो ब्रांडेड दवाईओं में. जब ब्रांडेड दवाओं का सॉल्ट मिश्रण के फॉर्मूले और उसके प्रोडक्शन के लिए मिले एकाधिकार की समय सीमा समाप्त हो जाती है, तब वह फॉर्मूला सार्वजनिक हो जाता है. उन्ंही फार्मूले और सॉल्ट से ये दवाएं तैयार की जाती हैं.अगर इनमें वही स्टेंडर्ड और क्वॉलिटी मेंटेन किया गया है तो ये दवाएं ब्रांडेड से कम नहीं होती हैं.
क्या जेनेरिक दवाएं आम दवाओं से कम असर करती हैं
एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऐसा बिल्कुल भी नहीं है. जेनेरिक दवाएं आम दवाओं से कम असर नहीं करती हैं. जेनेरिक दवाएं आम दवाओं के समान ही असरदार होती हैं और उनकी तरह सुरक्षित भी होती हैं.
जेनेरिक दवाओं के फायदे
आम दवाओं से सस्ती होती हैं.
आम दवाओं की तरह ही असरदार होती हैं.
जेनेरिक दवाएं आम दवाओं के समान ही सुरक्षित होती हैं.
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