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फोन, लैपटॉप जब्त करने के बाद भी प्राइवेट चैट नहीं देख पाएंगी जांच एजेंसियां, सरकार ला रही नया नियम

 फोन, लैपटॉप जब्त करने के बाद भी प्राइवेट चैट नहीं देख पाएंगी जांच एजेंसियां, सरकार ला रही नया नियम

केंद्र सरकार एक नया नियम बनाने जा रही है जिसके तहत सरकारी एजेंसियां जब किसी जांच के दौरान किसी से डिजिटल या कागजी डॉक्यूमेंट जब्त करेंगी तो उन्हें क्या करना है और क्या नहीं, यह तय हो सकेगा. यह नियम इसलिए बनाया जा रहा है ताकि किसी की पर्सनल चैट या जांच से जुड़ी न होने वाली चीजों को जांच में शामिल न किया जाए. केंद्र सरकार जांच एजेंसियों के लिए डिजिटल या कागजी डॉक्यूमेंट को जब्त करने और संभालने के लिए सामान्य दिशानिर्देश तैयार कर रही है. 

क्यों बनाया जा रहा है यह नियम?

यह नियम इसलिए बनाया जा रहा है क्योंकि पहले कई बार ऐसा होता था कि जांच एजेंसियां किसी मामले की जांच के दौरान बहुत सारे डिजिटल डॉक्यूमेंट जब्त कर लेती थीं, जिनमें कई बार प्राइवेट चैट भी शामिल होती थी. इससे लोगों की निजता का हनन होता था.

सुप्रीम कोर्ट में मामला 

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन के आईफोन से सभी डिजिटल रिकॉर्ड्स की रिकवरी पर रोक लगा दी थी. दरअसल, ईडी ने छापेमारी के दौरान मार्टिन के आईफोन के साथ-साथ 12 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की थी. इसके बाद मार्टिन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया जांच एजेंसी को डिजिटल रिकॉर्ड जब्त करने से रोकने की मांग की. मार्टिन के तर्क दिया कि उनके आईफोन में उनकी पर्सनल चैट हैं, जो उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच से संबंधित नहीं है.
मार्टिन को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उनके मामले की सुनवाई अमेजन द्वारा दायर मामले के साथ जोड़ दी, जिसकी सुनवाई 6 जनवरी को होने वाली है. इस दौरान सरकार द्वारा डिजिटल और अन्य रिकॉर्ड्स की जब्ती पर दिशानिर्देश तैयार करने के संबंध में उठाए गए कदमों का खुलासा होने की संभावना है. 

जांच एजेंसियों का पक्ष

जांच एजेंसियों का तर्क है कि इंटरनेट के दौर में आजकल अपराधी अपनी अपराधिक गतिविधियों के संबंधित डॉक्यूमेंट्स को स्टोर करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए जांच के लिए डिजिटल डॉक्यूमेंट्स को जब्त करना जरूरी है.

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