शुभमन गिल की टीम इंडिया से छुट्टी लगभग तय? घटिया प्रदर्शन के बीच एक और दिग्गज ने जताया कड़ा विरोध
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी 2024-25 में भारत की 3-1 से हार के बाद टीम के हर उस खिलाड़ी पर सवाल उठ रहे हैं जो पूरी तरह से विफल साबित हुआ. हाल के दिनों में शुभमन गिल की भी आलोचना हो रही है. गिल का हालिया टेस्ट प्रदर्शन उनके करियर के लिए संकट का संकेत बन रहा है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में गिल ने 5 पारियों में सिर्फ 93 रन बनाए, जिससे उनके खेल पर सवाल उठ रहे हैं.
25 वर्षीय शुभमन गिल चोट के कारण पर्थ टेस्ट से बाहर हो गए थे और मेलबर्न टेस्ट में टीम मैनेजमेंट ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल नहीं किया, बल्कि तीन ऑलराउंडर- रवींद्र जडेजा, वाशिंगटन सुंदर और नीतीश कुमार रेड्डी को तरजीह दी. अब पूर्व भारतीय बल्लेबाज सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने गिल के प्रदर्शन और उनके रवैये पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने न केवल गिल के खेल में खामियां बताईं, बल्कि यह भी कहा कि अगर वह तमिलनाडु से होते तो उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता. उनसे पहले क्रिस श्रीकांत ने गिल को 'ओवररेटेड' बताया था.
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने कहा, "गिल का प्रदर्शन उस स्तर का नहीं है जिसकी उनसे उम्मीद थी. रन बनाना या न बनाना अलग बात है, लेकिन आपको इरादा और आक्रामकता दिखानी चाहिए. मैंने उनसे उम्मीद की थी कि वह ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों को थकाएंगे."
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने एडिलेड टेस्ट का उदाहरण देते हुए नाथन मैकस्वीनी और मार्नस लाबुशेन की साझेदारी की तारीफ की. उन्होंने कहा, "गेंद को पुराना करना और टीम के लिए लंबा समय टिकना भी एक बड़ा योगदान है. लाबुशेन और मैकस्वीनी ने ऐसा किया और बुमराह को थका दिया. यही टीम के लिए योगदान होता है."
सुब्रमण्यम बद्रीनाथ ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि अगर शुभमन गिल तमिलनाडु से होते, तो अब तक उन्हें टीम से ड्रॉप कर दिया गया होता. उन्होंने गिल की बल्लेबाजी शैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा, "आप यह नहीं कह सकते कि मैं इस तरह खेलता हूं. परिस्थितियों के अनुसार खेल में बदलाव जरूरी है. इस सीरीज में शुभमन से यह नहीं दिखा. यहां तक कि उनकी फील्डिंग भी औसत थी. स्लिप और पॉइंट पर वह टिक नहीं पाए."
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