शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रीवा में 'रिसर्च ऑब्जेक्टिव्स एवं डिजाइन' विषय पर एक दिवसीय सेमिनार का भव्य आयोजन
प्रधानमंत्री कालेज आफ एक्सीलेंस शासकीय आदर्श विज्ञान महाविद्यालय, रीवा के गणित विभाग में ‘रिसर्च ऑब्जेक्टिव्स एवं डिजाइन’ विषय पर एक दिवसीय शैक्षणिक सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार के मुख्य वक्ता एवं उद्घाटनकर्ता महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) रवींद्र नाथ तिवारी रहे, जिन्होंने शोध की संकल्पना, उद्देश्य और डिजाइन की महत्ता को अपने ओजस्वी व्याख्यान द्वारा विस्तारपूर्वक प्रस्तुत किया। डॉ. तिवारी ने रिसर्च को "समस्याओं के समाधान की वैज्ञानिक प्रक्रिया" बताते हुए कहा कि यह तीन मुख्य चरणों—प्रश्न उठाना, डाटा एकत्र करना एवं उत्तर प्रस्तुत करना—पर आधारित होती है। उन्होंने रिसर्च को केवल अकादमिक अभ्यास नहीं बल्कि समाज के समक्ष उपस्थित जटिल चुनौतियों के समाधान का प्रभावी माध्यम बताया।
अपने पीपीटी प्रेजेंटेशन में डॉ. तिवारी ने शोध के प्रमुख उद्देश्यों जैसे नई जानकारी की खोज, घटनाओं की व्याख्या, तथ्य परीक्षण, परिकल्पना सत्यापन और समाजोपयोगी समाधान पर गहराई से प्रकाश डाला। उन्होंने शोध के विभिन्न प्रकार—डिस्क्रिप्टिव, एनालिटिकल, एप्लाइड, फंडामेंटल, क्वांटिटेटिव, क्वालिटेटिव, कन्सेप्चुअल और एम्पिरिकल—को उदाहरणों सहित समझाया। रिसर्च डिजाइन की महत्ता पर बल देते हुए उन्होंने बताया कि एक सुव्यवस्थित डिजाइन न केवल निष्पक्ष और वैज्ञानिक निष्कर्ष प्राप्त करने में सहायक होता है, बल्कि यह पूरे शोध कार्य को एक दिशा और स्थायित्व भी प्रदान करता है। उन्होंने सैम्पलिंग डिजाइन, ऑब्जर्वेशनल डिजाइन, स्टैटिस्टिकल डिजाइन एवं ऑपरेशनल डिजाइन जैसे अंगों का उल्लेख करते हुए बताया कि एक अच्छा रिसर्च डिजाइन हमेशा समस्या की प्रकृति, शोधकर्ता की दक्षता, संसाधनों की उपलब्धता और समयसीमा को ध्यान में रखकर तैयार किया जाना चाहिए।
डॉ. तिवारी ने विशेष रूप से छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि वे अपने आसपास की सामाजिक, शैक्षणिक एवं पर्यावरणीय समस्याओं को गहराई से समझें और उनमें निहित शोध संभावनाओं की पहचान करें। उन्होंने कहा कि "रिसर्च केवल डिग्री प्राप्त करने का साधन नहीं, बल्कि विचारों को क्रियान्वित करने और समाज को दिशा देने का विज्ञान है।" छात्रों को उन्होंने क्रिटिकल थिंकिंग, समस्या समाधान, नवाचार और सतत अधिगम की ओर प्रेरित किया, साथ ही यह भी बताया कि कैसे शोध के माध्यम से नीतिगत निर्णयों में योगदान दिया जा सकता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता गणित विभागाध्यक्ष डॉ. डी. पी. शुक्ला द्वारा की गई। इस अवसर पर विभाग के समस्त प्राध्यापकगण—डॉ. आर. के. तिवारी, डॉ. नीलम पांडेय, डॉ. पुष्कर कुमार सिंह, डॉ. गीतेश्वरी पांडेय, डॉ. रितु श्रीवास्तव एवं डॉ. शैलेन्द्र पाठक—की उपस्थिति रही। सेमिनार में एम.एस.सी. द्वितीय एवं चतुर्थ सेमेस्टर तथा बी.एससी. चतुर्थ वर्ष के सभी छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में शामिल हुए और विषय से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण प्रश्न पूछकर गहन ज्ञान प्राप्त किया।
कार्यक्रम की सफलता में गणित विभाग के कर्मचारियों डॉ. मनोज पांडे एवं श्री रमाकांत तिवारी का विशेष सहयोग रहा। अंत में विषय विशेषज्ञ डॉ. तिवारी के प्रति आभार प्रदर्शन गणित विभाग की प्राध्यापिका डॉ. नीलम पांडेय द्वारा किया गया।
संवाददाता- आशीष सोनी
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