राज्य शिक्षा केंद्र ने जारी की गाइडलाइन, प्राचार्य-संबंधी विभाग के अधिकारी नहीं छोड़ सकेंगे मुख्यालय
मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र से पहले राज्य शिक्षा केंद्र ने गाइडलाइन जारी की है। सत्र के दौरान कोई भी प्राचार्य और संबंधी विभाग के अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे। सदन में सवालों के जवाब देने के लिए कलेक्टर का हस्ताक्षर अनिवार्य किया है। वहीं विधानसभा से जुड़े हुए सवालों के जवाब देने के लिए भी अधिकारी पदस्थ रहेंगे।
राज्य शिक्षा केंद्र ने एमपी विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर एक आदेश जारी किया है। जिसमें कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए…
- विधानसभा प्रश्नों में अंकित विभाग से उत्तर भेजने की अन्तिम तिथि के 4 दिन पूर्व विधानसभा प्रश्नों के उत्तर प्रेषित किये जाएं। विधानसभा प्रश्नों के उत्तर कलेक्टर के हस्ताक्षर से ही मान्य किये जाएंगे।
- विधानसभा सत्र के दौरान किसी जिम्मेदार अधिकारी / कर्मचारी की दूरभाष पर ड्यूटी लगाएं। दूरभाष पर ड्यूटी करने वाले व्यक्ति के पास विधानसभा प्रश्न एवं उत्तर की एक प्रति अनिवार्य रूप से रखी जाए। कार्यालय के फोन पर सुबह 8 बजे से रात्रि 10:30 बजे तक कर्मचारियों की ड्यूटी लगाते हुए जानकारी राज्य शिक्षा केन्द्र को उपलब्ध कराएं।
- विधानसभा के प्रश्न विधानसभा की बेवसाईट पर अपलोड किये जाते हैं, जिन्हें आपके जिले को ऑनलाईन अग्रेषित किया जाता है। जिला परियोजना समन्वयक प्रतिदिन विधानसभा की बेवसाईट चेक करें एवं अपने जिले की ई-मेल चेक कर विधानसभा सम्बन्धी प्रकरण डाऊनलोड करें।
- तारांकित प्रश्नों के उत्तर के साथ आवश्यकतानुसार संक्षेपिका, पूरक जानकारी एवं अतिरिक्त जानकारी भी अनिवार्य रूप से राज्य शिक्षा केन्द्र को प्रेषित की जाए।
- विधानसभा ध्यानाकर्षण, शून्यकाल, अशासकीय संकल्प, याचिका, अभ्यावेदन एवं स्थगन के सम्बन्ध में जानकारी बगैर विलम्ब के राज्य शिक्षा केन्द्र को प्रेषित की जाए।
- जिला एवं विकासखण्ड स्तर के अधिकारी/कर्मचारी विधानसभा सत्र की अवधि में सक्षम अधिकारी की स्वीकृति के बगैर मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे।
- विधानसभा प्रश्नों के उत्तर के साथ हिन्दी में स्पष्ट एवं पठनीय परिशिष्ट संलग्न करें, क्योंकि विधानसभा सचिवालय द्वारा अस्पष्ट एवं अपठनीय परिशिष्ट ग्रहण नहीं किये जाते हैं। अंग्रेजी में कोई भी परिशिष्ट मान्य नहीं होगा।
आपको बता दें कि एमपी विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से शुरू होगा, जो 8 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में प्रदेश की डॉ मोहन यादव की सरकार विधेयकों के साथ अपना पहला अनुपूरक बजट भी पेश करेगी, जिसे सदन की मंजूरी मिलना तय है।
संवाददाता :- आशीष सोनी
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