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शीतलझीरी बांध परियोजना मे 2 हजार किसानों की डूब रही जमीन किसानों ने किया प्रदर्शन

 शीतलझीरी बांध परियोजना मे 2 हजार किसानों की डूब रही जमीन किसानों ने किया प्रदर्शन



बैतूल जिले की माचना नदी प्रस्तावित शीतलझीरी बांध परियोजना के 6 गांव के सैकड़ों किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया है। किसानों ने चेतावनी दी यदि परियोजना निरस्त नहीं की गई तो बड़ा आंदोलन छेड़ देंगे रैली निकालकर कलेक्टर आफिस पहुंचे आदिवासी किसानों ने चेतावनी दी  उन्होंनें राज्यपाल के नाम  ज्ञापन सीईओ जिला पंचायत को सौंपा कलेक्ट्रेट पहुंचे किसानों ने बताया कि परियोजना से 5 गांव के हजारों किसान प्रभावित होंगे इसे लेकर ग्राम सभाएं भी परियोजना के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं 


किसानों की मांग


सेहरा शीतलझीरी के मध्य प्रवाहित होने वाली माचना नदी पर बांध परियोजना प्रस्तावित है। इस प्रस्तावित परियोजना भारतीय संविधान अनुच्छेद - 244(1) पांचवीं अनुसूची एवं पेसा नियम -2022 तत्सम प्रभावित क्षेत्र है। इस प्रस्तावित परियोजना में ग्राम पंचायत सेहरा, ग्राम पंचायत शीतलझीरी (विकास खण्ड शाहपुर) तथा ग्राम पंचायत झाड़कुंड (विकास खण्ड घोड़ाडोंगरी) के लगभग 2 हजार  एकड़ भूमि डूब क्षेत्र में जाना प्रस्तावित है।


भु-अर्जन अधिनियम 2013 के तहत पांचवीं अनुसूची क्षेत्र में संवैधानिक संरक्षण होने के कारण भु-अर्जन संभव नहीं है। प्रस्तावित परियोजना से जनजाति सदस्यों के मौलिक अधिकार जल, जंगल, जमीन  पर विपरित प्रभाव पेड़ेंगे। जिसके कारण भविष्य में अस्तित्व पर खतरा बना रहेगा। इस परियोजना से प्रभावित होने वाले गांवों ने ऐसा नियम 2022 के तहत प्राप्त शक्तियों 4 अगस्त 2023 को प्रस्ताव पारित किए जा  चुके हैं, इसलिए प्रस्तावित परियोजना पर किसी तरह का कार्य न हो।


सीईओ ने दिया आश्वासन 


इस मौके पर किसानों को सीईओ जिला पंचायत ने कहा कि आदिवासियों के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। भु-अर्जन अधिनियम के तहत दिए गए प्रावधानों का पालन किया जाएगा।

संवाददाता : विशाल कुमार धुर्वे 

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