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सांसद संजय सिंह फिलहाल ईडी की पांच दिन की रिमांड पर हैं।

 सांसद संजय सिंह फिलहाल ईडी की पांच दिन की रिमांड पर हैं।



बुधवार को लंबी पूछताछ के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने उन्हें गिरफ्तार किया,इससे पहले ईडी आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार कर चुकी है।


दोनों नेताओं की गिरफ्तारी, दिल्ली के कथित शराब घोटाला मामले में हुई है।ईडी का आरोप है कि शराब विक्रेताओं को 'अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए नई शराब नीति में मन मुताबिक बदलाव किए गए।ईडी का दावा है इस पूरी प्रक्रिया में न सिर्फ सरकारी ख़जाने को नुकसान हुआ बल्कि करोड़ों रुपये आम आदमी पार्टी के नेताओं को दिए गए, जिसका इस्तेमाल पार्टी ने चुनावों में किया।

जब सीबीआई ने पहली बार इस मामले में 17 अगस्त 2022 को एफआईआर दर्ज की थी, तो सिर्फ आम आदमी पार्टी के नेता और उस समय दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी पर रहे मनीष सिसोदिया को अन्य 14 लोगों के साथ अभियुक्त बनाया गया था।


कथित शराब घोटाले के संबंध में दर्ज एफ़आईआर में सीबीआई ने दिनेश अरोड़ा को अभियुक्त बनाया था।


उनकी पहचान 'राधा इंडस्ट्रीज' के निदेशक की बताई गई है। एफ़आईआर में दिनेश अरोड़ा को मनीष सिसोदिया का 'करीबी सहयोगी' बताया गया है।फिलहाल वे जमानत पर बाहर हैं।वे दिल्ली के चर्चित रेस्त्रां कारोबारी हैं।वे 'नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया' के सदस्य भी हैं।एसोसिएशन की वेबसाइट के मुताबिक़ अरोड़ा के रेस्त्रां दिल्ली की सभी प्रमुख जगहों पर हैं।

साल 1999 में दिनेश अरोड़ा ने पूजा से शादी की थी।द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को दिए एक इंटरव्यू में दिनेश अरोड़ा ने बताया था कि साल 1992 में एक शादी के फंक्शन में उनकी दोस्ती पूजा से हुई थी,उस वक्त वे 12वीं क्लास में थे।उनके मुताबिक दोस्ती प्यार में बदली और 20 साल की उम्र में ही पूजा ने उनसे शादी कर ली।शुरू में दिनेश अरोड़ा कपड़े का बिजनेस करते थे, लेकिन 2008 में उन्होंने अपने सपने को पूरा करने का सोचा।दिनेश का सपना, फूड और बेवरेज इंडस्ट्री में जाने का था, वे देश के अलग अलग इलाकों में अच्छे महंगे रेस्टोरेंट खोलना चाहते थे।साल 2009 में दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के साउथ एक्सटेंशन में चर्चित रेस्टोरेंट पिंड बलूची की फ्रेंचाइजी ली और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।

दो साल बाद उन्होंने खुद का एक ब्रैंड बनाया, जिसे उन्होंने नाम दिया एल्फ कैफे, यह रेस्टोरेंट उन्होंने दिल्ली के पॉश इलाके हौज खास से शुरू किया।इसके बाद साल 2014 में लाइट्स कैमरा एक्शन, 2015 में अनप्लग्ड कोर्टयार्ड, 2016 में बॉम्बे बार, साल 2018 में स्वाद और 2019 में ला रोका जैसे महंगे रेस्टोरेंट शुरू किए।

कौन हैं दिनेश अरोड़ा

कथित शराब घोटाले से जुड़ा नाम

साल 2020 में दिल्ली सरकार ने शराब माफियाओं पर नकेल कसने और राजस्व बढ़ाने के उद्देश्य से नई शराब नीति प्रस्तावित की और 17 नवंबर 2021 को इसे लागू कर दिया गया।नई आबकारी नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटा गया और हर जोन के हिसाब से तय शराब की दुकानें खोलने की इजाजत दी गई।नई नीति में शराब के कारोबार से दिल्ली सरकार ने खुद को अलग करते हुए ये दुकानें निजी हाथों में सौंप दी थी. इसके अलावा शराब बेचने वालों को कई तरह की छूट दी गई।


जुलाई, 2022 में दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने उपराज्यपाल को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें मनीष सिसोदिया पर ‘कमीशन’ और ‘रिश्वत’ के बदले शराब विक्रेता लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ देने का आरोप लगाया गया.

सीबीआई जांच की सिफ़ारिश

रिपोर्ट मिलने के दो हफ्तों बाद ही उपराज्यपाल ने मामले में सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी और 30 जुलाई, 2022 को ही आम आदमी पार्टी ने नई आबकारी नीति को वापस लेने की घोषणा कर दी।सीबीआई ने पत्र लिखे जाने के कुछ ही दिन बाद यानी 17 अगस्त, 2022 को मनीष सिसोदिया और 14 अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लीऔर उन्हीं 15 लोगों में एक नाम, दिनेश अरोड़ा का भी था. ईडी का आरोप है कि दिनेश अरोड़ा की मदद से मनीष सिसोदिया और संजय सिंह ने शराब कारोबारियों से पैसे लिए और उनका इस्तेमाल चुनावों में किया.

दिनेश अरोड़ा बने सरकारी गवाह

कथित शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने दिनेश अरोड़ा को अब सरकारी गवाह बना लिया है और उनके ही एक बयान के चलते संजय सिंह को जेल जाना पड़ा।गुरुवार, 5 अक्टूबर को जब दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में संजय सिंह के रिमांड को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान ईडी ने आरोप लगाया कि अभियुक्त 'दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह के घर पर दो करोड़ रुपये दिए थे. इसके अलावा संजय सिंह ने इंडो स्पिरिट्स कंपनी से एक करोड़ और लिए थे'।


कोर्ट में ईडी के वकील ने कहा कि ये 'पैसे संजय सिंह के घर पर दिए गए थे और दिनेश अरोड़ा ने इस बात की पुष्टि की है'।वहीं संजय सिंह के वकील मोहित माथुर का कहना है कि दिनेश अरोड़ा कई बार अपने बयान बदल चुके हैं।उनका आरोप है कि दिनेश अरोड़ा, प्रवर्तन निदेशालय के इशारे पर अपने बयान बदल रहे हैं, ताकि संजय सिंह को फंसाया जा सके।

संजय सिंह के वकील का कहना है कि उन्हें अभियुक्त से सरकारी गवाह बनाया गया है, ऐसे में उन पर कैसे विश्वास किया जा सकता है? और इस मामले में ईडी, दिनेश अरोड़ा के बयान पर बहुत ज्यादा भरोसा किए हुए है।इससे पहले तक दिनेश अरोड़ा ने कभी भी कथित शराब घोटाले में संजय सिंह का नाम अपने बयान में नहीं लिया था।जानकारों का मानना है कि संजय सिंह की गिरफ्तारी, अरविंद केजरीवाल के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि चुनावी रणनीति बनाना और उसे लागू करने में संजय सिंह की बड़ी भूमिका थी।

वहीं दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली में पोस्टर लगाकर 'सरकारी गवाह' की गवाही के बाद केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है।




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