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शिक्षा मंत्री उदय प्रताप के राज में वेतन घोटाला ज्वाइनिंग तिथि से एक माह पूर्व की वेतन हुई हस्तांतरित

शिक्षा मंत्री उदय प्रताप के राज में वेतन घोटाला ज्वाइनिंग तिथि से एक माह पूर्व की वेतन हुई हस्तांतरित

रैपुरा जन शिक्षा केंद्र के बग़रौड़ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में तीसरी बार अतिथि शिक्षकों से संबंधित घोटाला उजागर हुआ है। जिसमें कई अतिथि शिक्षकों को ज्वाइनिंग तिथि से एक और कुछ को दो माह का वेतन भुगतान किया गया है। पड़ताल करने में पाया कि चार अतिथि शिक्षकों को ज्वाइनिंग तिथि से पहले के माह के भुगतान किए गए हैं। जो एक वित्तीय अनियमितता का मामला है। बगरौड स्कूल में कैलाश सिंह नामक अतिथि शिक्षक जो कि वर्ग एक में जीव विज्ञान पढ़ाने के लिए अतिथि के तौर पर रखे गए हैं। इनकी ज्वाइनिंग तिथि 25 अक्टूबर 2024 है परंतु जब हमने इन्हें मिले वेतन भुगतान की पड़ताल की तो पता चला इन्हें सितंबर 2024 में पूरे माह में सिर्फ 6 दिन अनुपस्थिति के बाद 14400 का भुगतान किया गया और अक्टूबर माह के लिए भी 17400 रुपए का भुगतान किया गया जबकि अतिथि शिक्षक ने इस माह मात्र पांच दिन ही कार्य किया, वहीं बग़रौड़ शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में वर्ग दो में अंग्रेजी के अतिथि शिक्षक दीपक कुमार साहू 23 अक्टूबर 2024 को स्कूल ज्वाइन करते हैं परंतु जब वेतन के भुगतान की बात आती है तो उन्हें मात्र 14 दिन ही अनुपस्थित दिखाया जाता है और उन्हें 7677 रुपए का भुगतान कर दिया जाता है। शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बग़रौड में वर्ग दो में संस्कृत पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक उमेश पटेल की पोर्टल पर ज्वाइनिंग तिथि 22 अक्टूबर 2024 है जबकि उन्हें इसी माह में मात्र 14 दिन अनुपस्थिति दिखाया गया और उन्हें 7677 रुपए का भुगतान किया गए। जबकि उन्होंने मात्र 9 दिन ही काम किया। इसी विद्यालय में वर्ग 1 में भौतिक शास्त्र के लिए 19 अक्टूबर को ज्वाइन हुए अतिथि शिक्षक वेद प्रकाश त्रिपाठी को सितंबर 2024 के लिए एक माह की अनुपस्थिति पर 18000 रुपए का भुगतान किया गया। इससे पहले सिमरी पौड़ी प्राथमिक स्कूल में एक अतिथि शिक्षक मात्र 37 दिन ही पढ़ाने गया था जबकि उसे नौ माह का वेतन दे दिया गया था तथा बगरौड़ संकुल के प्राचार्य ने अपनी ही बेटी को शासकीय प्राथमिक शाला डोभा में अतिथि शिक्षक बनाया था और बिना स्कूल गए एक साथ पूरे साल का भुगतान कर दिया था। इन खबरों के बाद पन्ना जिलाधीश के आदेश पर जांच में इन दोनों मामलों को सत्य पाया गया था एवं संकुल प्राचार्य बगरौड को कारण बताओ नोटिस जारी हुआ परंतु कारण बताओ नोटिस के दो माह बाद भी वह अपने पद पर बने रहे और अब चार अतिथि शिक्षकों को अधिक मानदेय का नया मामला सामने आया है। वैसे जब प्रदेश के स्कूली शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह की जानकारी में 5 हज़ार शिक्षक विद्यालय नहीं जा रहे हैं और एक हज़ार तो उनके ही जिले के है तो स्कूली शिक्षा विभाग में होने वाले भ्रष्टाचार पर कौन लगाम लगायेगा स्कूल शिक्षा मंत्री के सजगतापूर्ण बयाँ से तो यही कहा जा सकता है की जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का

वीडियो लिंक : https://www.youtube.com/watch?v=DuzeUW5ESB4

संवाददाता : ललित शर्मा

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