रीवा में प्राइवेट कालेजों की मुश्किलें बढ़ीं, बिना एनओसी संचालन की नहीं मिलेगी अनुमति
जरूरी संसाधन होने पर ही कालेजों को संबद्धता देने के उच्च शिक्षा के हैं निर्देश
निजी कालेजों के संचालन को लेकर जरूरी संसाधनों का सत्यापन आवश्यक किया गया है। इसके लिए तीन महीने पहले उच्च शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर सभी जिलों के अग्रणी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह निर्धारित चेकलिस्ट के अनुसार सत्यापन करने के बाद अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रीवा सहित प्रदेश के कई जिलों से अब तक रिपोर्ट नहीं भेजी गई है, जिसके चलते उच्च शिक्षा विभाग ने तत्काल जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। सप्ताह भर के भीतर रिपोर्ट देना होगा, अन्यथा संबंधित कालेजों को उच्च शिक्षा की ओर से एनओसी नहीं दिया जाएगा, जिसकी वजह से विश्वविद्यालयों की ओर से दी जाने वाली संबद्धता मिलना मुश्किल हो जाएगा। इसमें कई ऐसे कालेज हैं जो पहली बार आगामी शिक्षण सत्र से कक्षाएं प्रारंभ करने की तैयारी में हैं। समय पर निरीक्षण प्रतिवेदन नहीं भेजे की वजह से उन कालेजों में कक्षाएं प्रारंभ होना मुश्किल हो जाएगा। निजी कालेजों को लेकर लगातार शिकायतें रहती हैं कि वह बिना संसाधन के मान्यता ले लेते हैं और नियम विरुद्ध संचालन करते हैं। इस कारण उच्च शिक्षा विभाग ने नौ बिन्दुओं के आधार पर इन कालेजों के फिजिकल वेरीफिकेशन का आदेश दिया था। इससे प्राइवेट कालेजों के उन संचालकों में हड़कंप है जो बिना संसाधन के जुगाड़ की व्यवस्था पर संस्था का संचालन कर रहे हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने कहा है कि आगामी शिक्षण सत्र वर्ष 2025-26 के लिए अनुमति देने से पहले विभाग द्वारा जारी की जाने वाली एनओसी के पहले सत्यापन कर वास्तविकता का परीक्षण किया जाना है।
राजस्व विभाग की टीम का सहयोग
उच्च शिक्षा विभाग ने कलेक्टर के पास भी पत्र भेजा है। जिसमें कहा गया है कि प्राइवेट कालेजों के संसाधनों का परीक्षण करने के दौरान भूमि और भवन के दस्तावेजों की सही जानकारी राजस्व अमले के पास रहती है। इसलिए राजस्व के अधिकारी कालेजों द्वारा किए जाने वाले दावे का परीक्षण करेंगी।
इन बिन्दुओं पर जांच में करना है फोकस
भूमि एवं भवन –निरीक्षण में यह देखा जाना है कि कालेज का संचालन खुद के या किराए के भवन या लीज पर लिए भवन में हो रहा है। संस्था को उपलब्ध कुल भूमि (एकड़ में), खसरा नंबर और भूमि डायवर्जन, परिसर में मौजूद भवनों की संख्या, भवन के हिस्से के क्षेत्रफल, प्राचार्य कक्ष, व्याख्यान कक्ष, कार्यालय, स्टाफ कक्ष, पुस्तकालय, एनसीसी, एनएसएस कक्ष, पेयजल, शौचालय, छात्राओं के लिए कॉमन रूम, प्रयोगशालाएं, कम्प्यूटर कक्ष, खेल मैदान, दिव्यांगों के लिए रैंप और अलग शौचालय एवं पार्किंग क्षेत्र आदि की व्यवस्था का परीक्षण होगा।
चेक लिस्ट के आधार पर रिपोर्ट--निरीक्षण करने के लिए नौ बिन्दुओं की चेक लिस्ट दी गई है। उसके अनुसार जानकारी भरी जानी है। जिसमें प्राइवेट कॉलेज का नाम और कोड क्रमांक, स्थापना वर्ष, ईमेल आईडी और टेलीफोन नंबर, संचालन स्थल का पूरा पता और पिनकोड, संचालन समिति, ट्रस्ट या कंपनी का नाम आदि के साथ ही शिक्षकों और छात्राओं से जुड़ी जानकारी जुटाई जाएगी।
छात्र और शिक्षकों की जानकारी--निरीक्षण के दौरान छात्र और शिक्षकों की जानकारी जुटाई जाएगी। कॉलेज में कुल छात्रों की संख्या, कोड 28 के तहत नियुक्त शैक्षणिक, गैर-शैक्षणिक स्टाफ , प्राइवेट कॉलेज खोलने या नए सिलेबस शुरू करने के लिए एनओसी की स्थिति का भी परीक्षण।
इन कालेजों की रिपोर्ट अभी तक नहीं पहुंची
रीवा— अवध डिग्री कालेज रतहरा, डीआरएस कालेज गंगापुर, ईश्वरचंद्र विद्यासागर जवा, जनता कालेज रीवा, कालिका कालेज पुष्पराज नगर, काशी महाविद्यालय हनुमना, महारानी लक्ष्मीबाई कालेज आफ टेक्नालॉजी, नेहरू स्मारक कालेज, पंडित रामसुंदर शुक्ला शिक्षण संस्थान पहडिय़ा, राजभानु सिंह कालेज मनिकवार, रामबाई स्मृति कालेज डभौरा, संघमित्रा कालेज ट्रांसपोर्ट नगर, सरस्वती साइंस कालेज, सौदामिनी कालेज रीवा, सेठ रघुनाथ प्रसाद कालेज हनुमना, शारदा देवी कालेज चिल्ला त्योथर, श्री इंस्टीट्यूट आफ प्रोफेशनल, श्री मंगलम कालेज रतनगवां, श्री साईं कालेज आफ टेक्नालॉजी, श्री युत कालेज गंगेव, सोहागी कालेज आफ एजुकेशन खटिया, सुदर्शन कालेज, जाहिद खान कालेज गुढ़, टीडी शिक्षा कालेज चाकघाट, ठाकुर सूर्य प्रताप सिंह कालेज लौआ लक्ष्मणपुर, यूनिक कालेज आफ टेक्नालॉजी, विंध्यांचल कालेज, यमुना प्रसाद डिग्री कालेज सिरमौर, यमुना प्रसाद पीजी कालेज सेमरिया आदि शामिल हैं।
संवाददाता : आशीष सोनी
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