स्वतंत्रता दिवस पर मुस्कान रघुवंशी माउंट एलब्रुस पर फहराएंगी तिरंगा
अशोक नगर की साहसी बेटी मुस्कान रघुवंशी आगामी 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर यूरोप महाद्वीप की सबसे ऊँची चोटी माउंट एलब्रुस (5,642 मीटर) पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराएंगी।
यह अभियान प्रसिद्ध पर्वतारोही नरेंद्र सिंह यादव के नेतृत्व में संपन्न हो रहा है और इसे एन एस वाई आउटडोर्स द्वारा आयोजित किया गया है।
इस अंतरराष्ट्रीय अभियान में दुनिया भर के पर्वतारोही भाग लेंगे, जो भारत के राष्ट्रीय पर्व और संस्कृति के प्रति एक वैश्विक सम्मान को दर्शाता है।
मुस्कान, मध्य प्रदेश की सबसे कम उम्र की पर्वतारोही हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया की सबसे ऊँची चोटी माउंट कोसियस्ज़को पर चढ़ाई कर देश का गौरव बढ़ाया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अफ्रीका की सर्वोच्च चोटी माउंट किलीमंजारो को भी सफलतापूर्वक फतह किया है।
मात्र कुछ ही वर्षों में मुस्कान ने महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में कई प्रेरणादायक अभियान पूरे किए हैं:
• कश्मीर से कन्याकुमारी तक की 3,500 किमी साइकिल यात्रा (1 से 25 फरवरी), महिला सशक्तिकरण के संदेश के साथ।
• नर्मदा परिक्रमा की 3,200 किमी की साइकिल यात्रा केवल 19 दिनों में वर्ष 2022 में पूरी की, “स्वच्छ भारत और स्वच्छ नदी” के संदेश के साथ।
• ऑफ-रोड एमटीवी साइकलिंग नेशनल प्लेयर (2022) के रूप में भी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई।
• सिंगल एस.आर. महिला राइडर के रूप में 200, 300, 400 और 600 किमी की दूरी सीमित समय में तय कर ओएमजी रिकॉर्ड अपने नाम किया।
मुस्कान का उद्देश्य ना केवल भारत का नाम ऊँचाइयों तक पहुँचाना है, बल्कि देश की विरासत, संस्कृति और परंपरा को भी वैश्विक मंच पर पहचान दिलाना है। अपने प्रत्येक अंतरराष्ट्रीय अभियान में वह चंदेरी सिल्क साड़ी को पहनकर चंदेरी की ऐतिहासिक हस्तकला को दुनिया के सामने प्रस्तुत कर रही हैं।
चंदेरी सिल्क का इतिहास भगवान श्रीकृष्ण के काल से जुड़ा है और इसका प्रमुख विकास 13वीं-14वीं शताब्दी में हुआ जब बंगाल से सूफी संत वजीउद्दीन चंदेरी आए। मुस्कान ने अपने ऑस्ट्रेलिया अभियान में भी चंदेरी साड़ी को पहनकर इस गौरवशाली परंपरा को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत किया था।
मुस्कान का अगला लक्ष्य है — सातों महाद्वीपों की सबसे ऊँची चोटियों पर भारत का तिरंगा फहराना और भारतीय संस्कृति को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठित करना।
संवाददाता अवधेश दांगी
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