नही हो रहा है कलेक्टर के आदेश का पालन, प्रतिबंध के बाद भी शहर में जारी है अवैध रूप में मत्स्य का परिवहन और क्रय विक्रय
आपको बता दे की प्रदेश में 16 जून से 15 अगस्त 2023 तक मत्स्याखेट प्रतिबंध लगाया गया है इस अवधि में जलाशय,तालाब,नदी,नालों में मत्स्याखेट पूर्णत: प्रतिबंधित रहेगा और इस अवधि में मत्स्य का क्रय विक्रय एवं परिवहन पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। इस संबंध में कलेक्टर ऋजु बाफना ने मत्स्य प्रजनन काल को देखते हुए मप्र नदीय मत्स्योद्योग अधिनियम के प्रावधानों के तहत अधिसूचना जारी की है।अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि छोटे तालाब अथवा अन्य स्त्रोत जिनका कोई संबंध किसी नदी से नहीं है और जिन्हें निर्दिष्ट जल की परिभाषा में नहीं लिया गया है, उन पर मत्स्याखेट निषेध का यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि प्रतिबंध की अवधि में जिले में अवैधानिक मत्स्याखेट/ परिवहन/ क्रय- विक्रय आदि कार्य करते पाये जाने पर संबंधित व्यक्तियों के विरूद्ध मप्र मत्स्योद्योग अधिनियम 1981 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जावेगी। शासन के निर्देशों और निर्धारित नियमों का उलंघन करने वाले व्यक्ति की दोष सिद्धि पर उसे एक वर्ष तक के कारावास या 5 हजार रूपये तक के जुर्माना से दंडित किया जा जाएगा।
लेकिन शासन प्रशासन के सख्त आदेश के बाद भी जिले में मत्स्य का परिवहन और क्रय विक्रय बेख़ौफ़ जारी है।परिवहन करने वाले और क्रय विक्रय करने वाले व्यापारियों पर शासन प्रशासन के आदेश का कोई डर नही है।नरसिंहपुर शहर के मछली बाजार और स्टेशन गंज पुलिस चौकी के ठीक सामने मछली का विक्रय किया जा रहा है।इसके अलावा खैरी नाका के पास एक व्यापारी द्वारा आंध्रप्रदेश से मछलियां क्रय कर यहां नरसिंहपुर में लाकर अन्य व्यापारियों को विक्रय की जा रहीं हैं।जब मत्स्य विभाग को इससे अवगत कराया गया तो उनका कहना है कि आप इन सबकी पुलिस में एफ आई आर कराइये और सबकों जेल भेजिये।
संवाददाता दीपक मालवीय
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