पलेरा के छात्र प्रखर विश्वकर्मा ने तैयार किया अपना रॉकेट
मॉडल स्कूल पलेरा के छात्र प्रखर विश्वकर्मा ने तैयार किया अपना स्वनिर्मित रॉकेट आने वाले समय में जल्द करेंगे लॉन्च । इस रॉकेट को वे धसान नदी टापू गर्रोली से देवरी बांध तक परीक्षण करेंगे । इस परीक्षण से वे इसकी रेंज और फ्यूल का परीक्षण करने का प्रयास कर रहे हैं । प्रखर विश्वकर्मा अभी कुछ दिन पहले ही सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्री हरि कोटा आंध्र प्रदेश में चंद्रयान 3 की लॉचिंग में शामिल हुए थे । उन्होंने वहां अपने रॉकेट और इंजन के बारे में वैज्ञानिकों से जानकारी ली थी । बुंदेलखंड क्षेत्र से प्रखर विश्वकर्मा ने भी चंद्रयान 3 की लॉचिंग को प्रमोचन दीर्घा से देखा था । प्रखर विश्वकर्मा बतातें है कि वह शुरू से ही अंतरिक्ष प्रेमी हैं । और इसरो के हर मिशन को उन्होंने मोबाइल टीवी पर लाइव देखा है लेकिन यह अवसर जो आज मुझे इसरो द्वारा दिया गया है इसने मेरी अंतरिक्ष के प्रति रुचि दोगुनी कर दी है । सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में जाकर प्रखर ने कई वैज्ञानिकों से मुलाकात की वहां उसने स्पेस गैलरी को भी देखा । उसने बताया है की वो भी आगे चलकर खगोल वैज्ञानिक बनना चाहता है इसके क्षेत्र में देश की सेवा करना चाहता है । प्रखर ने बताया कि वो भी 2 साल के अंदर अपनी स्व विकसित मिसाइल लॉन्च करने का प्रयास कर रहा है ।
प्रखर विश्वकर्मा के पिता का नाम श्री रघुनंदन विश्वकर्मा है और माता का नाम अरुण कुमारी है । वे टीकमगढ़ जिले की पलेरा तहसील के लारोन गांव के रहने वाले है एवं अपनी पढ़ाई पलेरा के मॉडल स्कूल में कर रहे हैं । अभी वे एस्ट्रोनौटिक इंस्टीट्यूट में स्पीकर के तौर पर कार्य कर रहे हैं । इसमें उनको खगोल विज्ञान के बारे में सभी लोगों को जानकारी प्रदान करनी होती है । वे इंडियन स्पेस टीम में प्रोपुलशन विभाग में भी कई रिसर्च कर चुके हैं । उन्होंने स्वयं ही अपना एक रॉकेट तैयार किया है और खुद का इंजन भी तैयार किया है । वे एक ऐसी मिसाइल तकनीक पर कार्य कर रहे हैं जो टारगेट पर जाकर उस एरिया को ध्वस्त करके वापिस लॉन्च पैड पर आ जाएगी जिसको हम रिलॉन्च मिसाइल कहा जाता है।
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