बांध बन रहे चुनावी मुद्दा, कांग्रेस बता रही नहीं मिल रहा बांध का पानी, बीजेपी कर रही पानी की व्यवस्था का दवा
बैतूल में चुनावी समर में अब यह राजनैतिक लड़ाई विकास कार्यों पर श्रेय लेने के स्तर पर पहुंच गई है। बीते चुनाव में यहां गढ़ा बांध बड़ा चुनावी मुद्दा बना था। अब भी यह चुनाव में चुनावी मुद्दे के तौर पर सामने आ रहा है।
कांग्रेस जहां लड़ाई लड़ने के बाद भी पांच गांवों को गढ़ा डेम का पानी नहीं मिलने का मुद्दा उठा रही है। वह भाजपा पारसडोह, मेंढ़ा, घोघरी, गढ़ा सहित अन्य छोटे-बड़े डेमो का निर्माण कर पानी की व्यवस्था बनाने का दावा कर रही है।
कांग्रेस ने एक किसान का वीडियो जारी कर आरोप लगाया है। की लड़ाई लड़ने के बाद भी पांच गांवों को गढ़ा डेम का पानी नहीं मिल पा रहा है। पार्टी ने किसान भौराव का दर्द बताते हुए आरोप लगाया कि गढ़ा डेम निर्माण में हमारी अनदेखी की जा रही थी। हम लोगों ने लड़ाई लड़ी जिसका नतीजा है कि जीन दनोरा, बोरगांव, टहली, कुम्हली इन पांच गांवों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है।
ग्रामीणों के साथ किस तरह भेदभाव किया गया इसका उदाहरण है ये सोसायटी दूसरे किसानों को फसल बीमा राशि दी गई और हमारे ग्रामों को छोड़ दिया गया। जब इस प्रकार का हमारे साथ दूरव्यवहार किया जाता है। तो हम क्यों बीजेपी के बारे में सोच सकते हैं। बीजेपी के लोग दौड़ रहे हैं। लेकिन इसके पहले कभी मुंह भी नहीं दिखाया।
भाजपा का दवा
कांग्रेस की आरोपों पर भाजपा का भी जवाब आया है। भाजपा ने किसानों की जुबानी कहा है की पीढ़ियों से चली आ रही पानी की समस्या से निजात दिलवाई गई है। उनके बनवाए गए बड़े-बड़े डेमो से अब सिंचाई के हर खेत में पानी और पेयजल के लिए घर-घर पानी पहुंच रहा है।
बारव्ही के किसान विनोद बाबा ठाकरे के जरिए कहा गया है। कि बारव्ही सहित आस-पास के दर्जनों गांवों के ग्रामीण पीढ़ियों से जल संकट की त्रासदी झेलते आ रहे हैं। सिंचाई सुविधाएं नहीं होने से किसान सिर्फ बरसाती फसल ले पाते थे।
गांवो में पेयजल संकट की स्थिति भी गंभीर थी। गर्मी में तो पीने का पानी बड़ी मुश्किल से मिलता था। जब हेमंत भैया विधायक थे तब क्षेत्र के ग्रामीणों ने उन्हें पानी की समस्या से अवगत करा कर सिंचाई और पीने के लिए पानी की सुविधा करवाने की मांग की थी।
हेमंत भैया ने किसानों और ग्रामीणों की परेशानी को समझा और डेम स्वीकृत करवाने में जुट गए। बाबा ठाकरे के मुताबिक हेमंत भैया के प्रयासों से पारसडोह, मेंढ़ा, घोघरी, गढ़ा सहित अन्य छोटे बड़े डेमो का निर्माण हुआ। पारसडोह डेम की नहर से पिछले साल ग्रामीणों को पानी मिलने लगा था। इस रबी सीजन में अधिकतर गांवों के खेतों में पारसडोह डेम का पानी पहुंचेगा।
संवाददाता : विशाल कुमार धुर्वे
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